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Ladakh में भारतीय सेना की नई पहल, दीवाली से शुरू होगा पैट्रोलिंग अभियान

Ladakh में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद, भारतीय सेना ने आगामी दीवाली से डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में पैट्रोलिंग करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच विवाद के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया के साथ आया है।

सेना की तैयारी

31 अक्टूबर, यानी दीवाली के दिन से, भारतीय सेना डेमचोक और देपसांग में सशस्त्र पैट्रोलिंग शुरू करेगी। भारतीय सेना ने सुनिश्चित किया है कि ये पैट्रोलिंग गतिविधियाँ 2020 से पहले की स्थिति के अनुसार की जाएंगी। इस बात की जानकारी चीन को भी दे दी गई है। डेमचोक और देपसांग में हालिया समझौता, LAC पर गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Ladakh में भारतीय सेना की नई पहल, दीवाली से शुरू होगा पैट्रोलिंग अभियान

सैनिकों की वापसी

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के सैनिकों ने विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों को हटाना शुरू कर दिया है। दोनों पक्ष 28-29 अक्टूबर तक अपने-अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सहमत हुए हैं। भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि वे अपनी पारंपरिक पैट्रोलिंग बिंदुओं पर वापस लौटेंगे।

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सतर्कता बनाए रखना

एक सैन्य सूत्र के अनुसार, LAC की संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए, दोनों देशों के बीच पैट्रोलिंग के दौरान भविष्य में संघर्ष और तनाव से बचने के लिए एक-दूसरे को पहले से जानकारी देने पर सहमति बनी है। भारतीय सेना लगातार LAC पर निगरानी रखेगी और पहले की स्थिति के अनुसार काम करेगी।

सैनिकों की संख्या में कमी नहीं

सैन्य सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि LAC पर सैनिकों की संख्या में कमी नहीं की जाएगी। वर्तमान में, LAC पर 50,000 से अधिक भारतीय सैनिक तैनात हैं, और ये संख्या वर्तमान समझौते में शामिल नहीं है। इसका अर्थ है कि डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में टकराव समाप्त होने के बावजूद भारतीय सेना अपनी तैनाती में कोई कमी नहीं करेगी।

विभिन्न स्तरों पर बातचीत

मौजूदा मुद्दों को सुलझाने के लिए सैनिक कमांडर स्तर पर वार्ताएँ जारी हैं। हालांकि, कोर कमांडर स्तर पर अगली बातचीत की तारीख अभी तय नहीं हुई है। यह समझौता केवल विवादित मोर्चों से सैनिकों की वापसी तक सीमित है, और अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में किसी प्रकार के लेन-देन की संभावनाओं को शामिल नहीं किया गया है।

सुरक्षा के लिए सामंजस्य

भारतीय और चीनी सैनिकों ने फिर से उन क्षेत्रों में पैट्रोलिंग करने की सहमति दी है, जहाँ वे 2020 से पहले पैट्रोलिंग करते थे। पैट्रोलिंग के दौरान टकराव से बचने के लिए दोनों पक्षों ने सामंजस्य स्थापित करने पर भी सहमति जताई है। इसके तहत, वे अपनी पैट्रोलिंग की अनुसूचियों को साझा करेंगे और प्रत्येक पैट्रोलिंग टीम में केवल 14-15 सैनिक शामिल होंगे।

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समझौते का कार्यान्वयन

इस समझौते का ढाँचा पहले कूटनीतिक स्तर पर सहमति बनाई गई थी, इसके बाद सैन्य स्तर पर बातचीत हुई थी। समझौते के विवरण को कोर कमांडर स्तर की वार्ताओं में अंतिम रूप दिया गया था। अब यह समझौता लागू होगा, और भारतीय सेना और चीन के सैनिक फिर से डेमचोक और देपसांग में पैट्रोलिंग करेंगे।

इस नई स्थिति में, लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेना की तैयारी और पैट्रोलिंग का निर्णय न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच आपसी संवाद और समन्वय से उम्मीद है कि भविष्य में तनाव को कम किया जा सकेगा। जैसे-जैसे दीवाली नजदीक आ रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई पहल लद्दाख की सुरक्षा और स्थिरता में कैसे योगदान करती है।

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